Rakesh Srivastava Nazuk Ki Rachnayen,,,,राकेश श्रीवास्तव नाज़ुक की रचनाएँ
प्रेम कवि,गीतकार और समाजसेवी
Sunday 29 November 2015
राकेश नाज़ुक के गीत का मुखड़ा : सोचता हूँ तुम्हारा शहर छोड़ दूँ , बिन तुम्हारे मेरा मन लगेगा नहीं !!
राकेश नाज़ुक के गीत : चलो प्यार के दीप जलाएँ ! प्रकाशित हमारा मेट्रो ११ नवम्बर २०१५ (Rakesh Nazuk Ke Geet : Chalo Pyar Ke Deep Jalayen Prakasit Hamara Metro 11 Nov 2015)
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