Rakesh Srivastava Nazuk Ki Rachnayen,,,,राकेश श्रीवास्तव नाज़ुक की रचनाएँ
प्रेम कवि,गीतकार और समाजसेवी
Monday 22 December 2014
मुक्तक :प्रकाशित हमारा मेट्रो : १९ दिसम्बर २०१४
Wednesday 10 December 2014
गीत: आँखों आँखों में ही मैंने ,तुमको अपना मान लिया ! फूलों की नगरी से आई ,खुश्बू से पहचान लिया !!
Wednesday 3 December 2014
प्रकाशित रचना (गीत) : हमारा मेट्रो ,राष्ट्रीय समाचार पत्र , बुधवार 3 दिसंबर 2014 आँखों आँखों में ही मैंने तुमको अपना मान लिया। …
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